मध्य प्रदेश। २७ जनवरी को एक महिला जज ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका का विरोद किया। पूर्व महिला जज ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के आधार पर ट्रांसफर की बात की। महिला जज ने यह ये बी बताया की यौन उत्पीड़न की शिकायत करने पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया और इसके चलते उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी । पूर्व महिला जज ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी नौकरी वापिस करने की याचिका दाखिल करवाई है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई इस मामले की सुनवाई करेंगे।
‘यौन उत्पीड़न के आरोपों को बताया गलत’
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शिकायतकर्ता की तरफ से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप गलत पाए गए हैं और उन्होंने ये भी कहा की यौन उत्पीड़न की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गयी जिसमे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस और भानुमति थे। बॉम्बे हाई कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस मंजुला चेल्लूर और तब के ही सीनियर एडवोकेट थे और एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल। राज्यसभा में साल २००७ को कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश की थ। वही आरोपी जज को निर्दोष पाया गया थे।